



झाँसी ! भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भारतीय चरागाह एवं चारा चारा अनुसंधान संस्थान झांसी में एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन श्री केशव देव पूर्व संयुक्त निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के मुख्य अतिथि एवं संस्था निदेशक डॉ अमरेश चंद्रा की अध्यक्षता में किया गया।
डॉ अमरेश चंद्रा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि हिंदी सभी की आत्मा से जुड़ी शहज सरल भाषा है, राष्ट्र की प्रगति में राजभाषा का महत्वपूर्ण योगदान है. हिंदी कार्यशाला में सतत सीखने, संवाद का अवसर मिलता है.क क्षेत्र में होने के कारण हिंदी में कार्य की अनिवार्यता है. शासकीय कार्यालयों में हिंदी को बढ़ावा देते हुए अधिक से अधिक प्रयोग करें।.
कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान निदेशक अतिथि का स्वागत किया इसके पश्चात डॉ सुनील कुमार प्रभारी राजभाषा ने स्वागत भाषण दिया. अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया. नीरज कुमार दुबे ने कार्यशाला के कार्यक्रमों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. कार्यशाला में श्री केशव देव ने राजभाषा नीति नियम एवं पालन पर व्याख्यान देते हुए बताया कि रविंद्र नाथ टैगोर, महावीर प्रसाद द्विवेदी, सूर्यकांत त्रिपाठी, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, तुलसीराम, कबीरदास, जयशंकर प्रसाद, प्रेमचंद्र इत्यादि के योगदान से हिंदी समृद्ध हुई है. हिंदी समृद्ध भाषा है जो सभी को समाहित कर आगे बढ़ रही है. व्याख्यान एवं प्रस्तुतीकरण में राजभाषा नीति अनुच्छेदों के प्रावधान कार्य में सरलता के संबंध में विस्तार से जानकारी दी प्रदान की।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार फसल उत्पादन विभाग, डॉक्टर के के सिंह पादप पशु संबंधित विभाग, डॉ प्रभा कांत पाठक फार्म मशीनरी एवं कटनोत्तर तकनीकी विभाग, डॉक्टर पुरषोत्तम शर्मा सामाजिक विज्ञान विभाग एवं कुमार विवेक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम में वैज्ञानिक प्रशासनिक तकनीकी अधिकारियों कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया. संचालन डॉक्टर सुनील कुमार एवं आभार नीरज कुमार दुबे सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी ने किया.।
गुर्जर महेंद्र नागर
प्रधान सम्पादक